रुक सी गयी है ज़िन्दगी आज भी वही,
जिस मोड़ पर तु ने अलविदा कहा था.
- अलविदा शायरी हिंदी में – लिपट-लिपट के कह रही हैं
- अलविदा शायरी हिंदी में – जनम जनम तुम साथ चलना
- अलविदा शायरी हिंदी में – तेरी मोहब्बत से लेकर…
- अलविदा शायरी हिंदी में – अपनी नाजायज़ जिद को अलविदा
- अलविदा शायरी हिंदी में – लफ्ज़ नम हुए मेरे धड़कन
- अलविदा शायरी हिंदी में – कभी अलविदा मत कहना मेरे
- अलविदा शायरी हिंदी में – अलविदा कहते डर लगता है
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
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अलविदा कहते डर लगता है मन क्यूँ दीवाना सा लगता है
लिपट-लिपट के कह रही हैं मुझसे ये सर्द हवाएं, इक रात की मोहलत दो अलविदा कहने के लिए…
जनम जनम तुम साथ चलना यूही कसम तुम्हे कसम आके मिलनायूही एक जान है भले दो बदन हो जुदा मेरी होके हमेशा ही रहना कभी ना कहना अलविदा!
तेरी मोहब्बत से लेकर…, तेरे अलविदा कहने तक…, सिर्फ तुझ को चाहा है, तुझसे कुछ नहीं चाहा…!!
अपनी नाजायज़ जिद को अलविदा कह दो… और भी ग़म है ज़माने में सिवा इश्क के..
लफ्ज़ नम हुए मेरे, धड़कन थमने सी लगी, जब जाते वक्त उसने आंखों से अलविदा कहा !
कभी अलविदा मत कहना मेरे दोस्त। जिन्दगी अभी बाकी है गम पीने के लिए। जख्म मिलता है हमें तीरे नजर से। दिल सम्भाल कर रखना उसे सीने के लिए।
सोया तो था में जिंदगी को अलविदा कह कर दोस्तों, किसी की बे-पनाह दुआओ ने मुझे फिर से जगा दिया..
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…