साक़ी मुझे भी चाहिए …. इक जाम-ए-आरज़ू ….
कितने लगेंगे दाम …. ज़रा आँख तो मिला…!!
- आरज़ू शायरी हिंदी में – ज़िन्दगी की आखरी आरजू बस
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
- मौसम शायरी हिंदी में – कोहराम मचा रखा है जनवरी
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ज़िन्दगी की आखरी आरजू बस यही हैं। तू सलामत रहें दुआँ बस यही हैं।
ना खुशी की तलाश है ना गम-ए-निजात की आरज़ू.. मै ख़ुद से ही नाराज हूँ तेरी नाराजगी के बाद..
सर से लगा के पाँव तलक दिल हुआ हूँ मैं याँ तक तो फ़न-ए-इश्क़ में कामिल हुआ हूँ मैं
किसको ख्वाहिश है ख्वाब बनके पलकों पे सजने की,… हम तो आरजू बनके तेरे दिल में बसना चाहते हैं ..
साँस रूक जाये भला ही तेरा इन्तज़ार करते-करते तेरे दीदार की आरज़ू हरगिज कम ना होगी
तमन्ना है मेरी कि आपकी आरज़ू बन जाऊं आपकी आँख का तारा ना सही आपकी आँख का आंसू बन जाऊं
ख्वाइश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो… आरज़ू ये नही की लोग वाह वाह करें…
एक पत्थर की आरजू करके, खुदको ज़ख्मी बना लिया मैंने…
आरज़ू‘ तेरी बरक़रार रहे … दिल का क्या है रहे, रहे न रहे…
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से