कभी खुलता ही नहीं साफ़ कुछ इक़रार इनकार होते है
उनकी हर बात में पहलू दोनों है
- इंकार शायरी हिंदी में – दीवाने है तेरे नाम के
- इंकार शायरी हिंदी में – कुछ तो अहसास मुझे
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
- मौसम शायरी हिंदी में – कोहराम मचा रखा है जनवरी
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दीवाने है तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं कैसे कहे कि तुमसे प्यार नही कुछ तो कसूर है आपकी आखों का हम अकेले तो गुनहगार नहीं
कुछ तो अहसास मुझे भी है, इनकार करने का दर्द तुझे भी है..!!
डरता हूँ इक़रार से कहीं वो इनकार न कर दे, यूँ ही तबाह अपनी जिंदगी हम यार न कर दे.
क़त्ल तो मेरा उसकी निगाहों ने ही किया था, पर संविधान ने उन्हें हथियार मानने से इंकार कर दिया !!
वो शख्स जिसकी आँखों में इंकार के सिवा कुछ भी नही, ना जाने क्यों उसकी आँखों पे जिंदगी लुटाने को जी चाहता है।।
तुम्हारे लबों पे इकरार है… मेरे लबों पे इनकार है… यहीं तो सब निशानियाँ है… शायद इसी का नाम प्यार है…
दो बाते हो सकती हैं। सनम तेरे इनकार की। या दुनिया से तू डरती है। या कदर नही तुझे मेरे प्यार की।
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…
मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता दिल उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता