इम्तेहान शायरी हिंदी में – ना चाहते हुये भी छोड़ Rjain March 4, 2017 Uncategorized Comments ना चाहते हुये भी छोड़ कर आना पड़ा उसे, वो “इम्तेहान” में ना आते हुये सवालों की तरह था.