इस से बढकर तुमको और कितना करीब लाँऊ मैं …
कि तुमको दिल में रखकर भी मेरा दिल नहीं लगता ……!!
- महफ़िल शायरी हिंदी में – बुला कर तुम ने महफ़िल
- खुश्बू शायरी हिंदी में – हमारे सीने में भी
- तुम्हारी याद शायरी हिंदी में – तुम्हारी याद और ‘सर्दियों’ का
- आरज़ू शायरी हिंदी में – ज़िन्दगी की आखरी आरजू बस
- डर शायरी हिंदी में – अजीब कहानी है इश्क और
- यकीन शायरी हिंदी में – परिन्दो को मिलेगी मन्जिल यकीनन
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करीब इतना रहो कि रिशतो मै प्यार रहे। दूर भी इतना रहो कि आने का इन्तजार रहे।
तुझ से दूर रहकर मुहोब्बत बढती जा रही हैं.. क्या कहूँ.. कैसे कहूँ.. ये दुरी तुझे और करीब ला रही हैं..
जो बिना कहे सुने भी दिल के बेहद करीब होते हैं… ऐसे नाज़ुक एहसास बड़े नसीब से नसीब होते है….
आदत हो गयी है तेरे करीब रहने की…… तेरी सांसो की खुशबु वाला इत्र मिलता है कही….!!!?
वोह जब करीब से हंस कर गुजर गए कुछ खास दोस्तों के भी चेहरे उतर गए…..
तूने फैसले ही फ़ासले बढ़ानेवाले किये है, वरना कुछ ना था तुझसे ज़्यादा करीब मेरे…
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम, मेरी पहली और आखिरी आरज़ू बस तुम हो।
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…