करीब इतना रहो कि रिशतो मै प्यार रहे।
दूर भी इतना रहो कि आने का इन्तजार रहे।
- करीब शायरी हिंदी में – ना हाथ थाम सके ना
- करीब शायरी हिंदी में – तुझ से दूर रहकर मुहोब्बत
- करीब शायरी हिंदी में – इस से बढकर तुमको और
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
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इस से बढकर तुमको और कितना करीब लाँऊ मैं … कि तुमको दिल में रखकर भी मेरा दिल नहीं लगता ……!!
ना हाथ थाम सके ना पकड़ सके दामन… बेहद ही करीब से गुजर कर बिछड़ गया कोई….
तुझ से दूर रहकर मुहोब्बत बढती जा रही हैं.. क्या कहूँ.. कैसे कहूँ.. ये दुरी तुझे और करीब ला रही हैं..
जो बिना कहे सुने भी दिल के बेहद करीब होते हैं… ऐसे नाज़ुक एहसास बड़े नसीब से नसीब होते है….
आदत हो गयी है तेरे करीब रहने की…… तेरी सांसो की खुशबु वाला इत्र मिलता है कही….!!!?
वोह जब करीब से हंस कर गुजर गए कुछ खास दोस्तों के भी चेहरे उतर गए…..
तूने फैसले ही फ़ासले बढ़ानेवाले किये है, वरना कुछ ना था तुझसे ज़्यादा करीब मेरे…
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…
मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता दिल उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता