खुदा के नेक बन्दे हो तो बदी से भी डरा करो ।
क्योंकि
दिन होगा क़यामत का, बस तुम होगे और खुदा होगा।
- क़यामत शायरी हिंदी में – सँभलने दे मुझे ऐ ना-उम्मीदी
- क़यामत शायरी हिंदी में – क़यामत तक उड़ेगी दिल से
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
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क़यामत तक उड़ेगी दिल से उठकर ख़ाक आँखों तक, इसी रास्ते गया है हसरतों का काफ़िला होकर
सँभलने दे मुझे ऐ ना-उम्मीदी क्या क़यामत है कि दामान-ए-ख़याल-ए-यार छूटा जाए है मुझ से!
अंदाज़-ए-सितम उनका निहायत ही अलग है गुज़री है जो दिल पर वो क़यामत ही अलग है
तेरा पहलू तेरे दिल की तरह आबाद रहे तुझ पे गुज़रे न क़यामत शब-ए-तन्हाई की।
दिल में समां गयीं हैं क़यामत की शोख़ियाँ दो-चार दिन मैं भी रहा था मैं किसी की निगाह में
अगर देखनी है क़यामत तो चले आओ हमारी महफ़िल में,., सुना है आज महफ़िल में वो बेनक़ाब आ रहे हैं
मोहब्बत ये नहीं कि तुम तड़पो और उसे खबर भी न हो मोहब्बत ये है की तुम्हारा दिल तड़पे तो उसके दिल पे क़यामत गुज़रे…
क़यामत के रोज़ फ़रिश्तों ने जब माँगा उससे ज़िन्दगी का हिसाब; ख़ुदा, खुद मुस्कुरा के बोला, जाने दो, ‘मोहब्बत’ की है इसने।
ये सुबह का मंज़र भी क़यामत का हसीन है… तकिया है कहीं, ज़ुल्फ़ कहीं, खुद वो कहीं हैं……
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