क़यामत शायरी हिंदी में – ये सुबह का मंज़र भी Rjain January 15, 2017 Uncategorized Comments ये सुबह का मंज़र भी क़यामत का हसीन है… तकिया है कहीं, ज़ुल्फ़ कहीं, खुद वो कहीं हैं……