हक़ हूँ में तेरा हक़ जताया कर,
यूँ खफा होकर ना सताया कर..
- खफा शायरी हिंदी में – ढूंढ़ रही है वो मुझसे
- खफा शायरी हिंदी में – हर एक शख्स खफा मुझसे
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
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ढूंढ़ रही है वो मुझसे ख़फ़ा होने का तरीका, सोचता हूँ थप्पड़ मारकर उसकी मुश्क़िल आसान कर दूँ..!!
हर एक शख्स खफा मुझसे अंजुमन में था.. क्योंकि मेरे लब पे वही था जो मेरे मन में था..
वो कैसे दिवाली मनाए यारो, जिसकी फूलझड़ी खफा हो !!
परवाह नहीं अगर ये जमाना खफा रहे। बस इतनी सी दुआ है की आप मेहरबां रहे।
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मै सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मै आँख से देखोगे तो खुश पाओगे दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मै……..
रुठने का हक हैं तुझे, पर वजह बताया कर… खफा होना गलत नहीं, तू खता बताया कर…!!!
लब तो खामोश रहेंगे… ये वादा है मेरा तुमसे………… गर कह बैठें कुछ निगाहें… तो खफा मत होना….!!!!
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…
मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता दिल उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता