कोई दुश्मनी नही ज़िन्दगी से मेरी..
बस ज़िद्द है तेरे साथ जीना है..
- ज़िद्द शायरी हिंदी में – आप मेरी ज़िद्द नहीं जो
- ज़िद्द शायरी हिंदी में – मैंने तो बस उसको पाने
- ज़िद्द शायरी हिंदी में – हज़ार चेहरों में उसकी झलक
- ज़िद्द शायरी हिंदी में – तू हवा के
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
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आप मेरी ज़िद्द नहीं जो पूरी हो … आप तो मेरी धड़कन हो जो मेरे लिए जरूरी हो
मैंने तो बस उसको पाने की ज़िद्द की थी… मेरा खुदको खोने का कोई इरादा नहीं था…
हज़ार चेहरों में उसकी झलक मिली मुझको; पर दिल की ज़िद्द थी, अगर वो नहीं तो उस के जैसा भी नहीं…
तू हवा के रुख पे चाहतों का दिया जलने की ज़िद्द ना कर .. ये कातिलों का शहर है, तू मुस्कुराने की ज़िद्द ना कर !!
वही पुरानी ख्वाहिश वही पुरानी ज़िद्द … चाहिए एक छोटा सा पल और साथ तुम सिर्फ तुम
ये दिल भी ज़िद्द पे अड़ा किसी बच्चे की तरह… या तो इसे सब कुछ चाहिए, या फिर कुछ भी नहीं…
बस यही सोचकर छोड़ दी हमने ज़िद्द मोहब्बत की…, अश्क़ तेरे गिरे या मेरे…रोयेगी तो मोहब्बत ही…!
जज़्बात कहते है… खामोशी से बसर हो जाए दर्द की ज़िद्द है की… दुनिया को खबर हो जाए
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम, मेरी पहली और आखिरी आरज़ू बस तुम हो।
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से