क़ाश कोई ऐसा हो,
जो गले लगा कर कहे,
तेरे दर्द से,
मुझे भी तकलीफ होती है..
- तकलीफ शायरी हिंदी में – मेरी फितरत मेँ नहीँ
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
- मौसम शायरी हिंदी में – कोहराम मचा रखा है जनवरी
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मेरी फितरत मेँ नहीँ अपना ग़म बयां करना। अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो महसूस कर तकलीफ मेरी ।
कीमत बता तू मुझे,सजा-ए-मोहब्बत से रिहाई की…. बहुत तकलीफ होती है तेरी यादों की सलाखों में…..
चेहरे “अजनबी” हो जाये तो कोई बात नही, लेकिन . रवैये “अजनबी” हो जाये तो बडी “तकलीफ” देते हैं !
निगाहों से क़त्ल कर डालो, न हो तकलीफ दोनों को, तुम्हें खंजर उठाने की हमें गर्दन झुकाने की
मौत सिर्फ नामसे बदनाम है, वरना तकलीफ़ तो जिंदगी ही ज्यादा देती है. और बीवी बी सिर्फ नाम से बदनाम है वरना तकलीफ़ में सिर्फ वही साथ देती है….
पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है उम्र भर लेकिन … बस इक औलाद की तकलीफ़ से माँ टूट जाती है
जो तुम बोलो बिखर जाएँ जो तुम चाहो संवर जायें, मगर यूँ टूटना जुड़ना बहुत तकलीफ देता है…
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…
मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता दिल उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता