ख़ुशी, तन्हाई, गहराई भरी बातें
राज़-ए-दिल बयाँ कर गयी तुम्हारीं आँखे.
- तन्हाई शायरी हिंदी में – मेरी हर सुबह को बस
- तन्हाई शायरी हिंदी में – मोतियों की तरह बिखर जाने
- तन्हाई शायरी हिंदी में – मेरे मरने पर किसी को
- तन्हाई शायरी हिंदी में – एक पुराना मौसम लौटा… याद
- तन्हाई शायरी हिंदी में – दौर ए तन्हाई में झोंका
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
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मेरी हर सुबह को बस शाम का इंतज़ार है पर शाम को तो बस तन्हाई से प्यार है
मोतियों की तरह बिखर जाने को जी चाहता है, ऐसी तन्हाई की मर जाने को जी चाहता है ।
मेरे मरने पर किसी को ज्यादा फर्क नहीं होगा, बस तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफ़र चला गया..
एक पुराना मौसम लौटा… याद भरी तन्हाई भी .. ऐसा तो कम ही होता है… तु भी है तन्हाई भी..
दौर ए तन्हाई में झोंका हवा का जब भी कोई आया…. दिल देता है दस्तक कि देख कहीं वो लौट तो नहीं आया……
तन्हाई बेहतर है, मतलबी लोगों से !!
अब तो तन्हाई में रहने का आदि हो चूका है दिल, बदल गए है वो लोग जो सुबह शाम हाल पूछा करते थे !!
मेरी तन्हाई का सबब पूछ के वो खुद क्यों तनहा हो गए, हमने बयां की थी हकीकत, मगर वो ख्वाबों में खो गए.
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…