तन्हाई शायरी हिंदी में – मोतियों की तरह बिखर जाने Rjain May 1, 2017 Uncategorized Comments मोतियों की तरह बिखर जाने को जी चाहता है, ऐसी तन्हाई की मर जाने को जी चाहता है ।