तुझसे अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले….;
जो हर बात पर कहते हैं.. ‘तुम्हें नहीं छोड़ेंगे”
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
- मौसम शायरी हिंदी में – कोहराम मचा रखा है जनवरी
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अक्सर ठहर कर देखता हूँ
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मुझसे दोस्ती ना सही पर दुश्मनी भी ना करना क्योंकि, मे हर रिश्ता पुरी शिद्दत से निभाता हूँ
प्यार, एहसान, नफरत, दुश्मनी जो चाहो वो मुझसे करलो… आप की कसम वही दुगुना मिलेगा !!
मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना, क्युंकी… मेरी दुश्मनी का नुकसान सह नही पाओगे…!
इधर आ रक़ीब मेरे, मैं तुझे गले लगा लूँ मेरा इश्क़ बे-मज़ा था, तेरी दुश्मनी से पहले…
तड़पते है नींद के लिए तो यही दुआ निकलती है !!! बहुत बुरी है मोहबत, किसी दुश्मन को भी ना हो…!!
कितने झूठे हो गये है हम, बच्चपन में अपनों से भी रोज रुठते थे, आज दुश्मनों से भी मुस्करा के मिलते है!!
हाथ में खंजर ही नहीं आँखों में पानी भी चाहिए, ऐ खुदा दुश्मन भी मुझे खानदानी चाहिए..!
दुश्मन और सिगरेट को जलाने के बाद…. उन्हे कुचलने का मज़ा ही कुछ और होता है……!!!
दुश्मन को कैसे खराब कह दूं । जो हर महफ़िल में मेरा नाम लेते है।
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम, मेरी पहली और आखिरी आरज़ू बस तुम हो।