दूरियाँ बढ़ी तो दिल से भी दूर जाने लगे ।
अब तो वो हाल-ए-दिल बताने में भी कतराने लगे ।।
- दूरियाँ शायरी हिंदी में – इतनी दूरियाँ ना बढ़ाओ थोड़ा
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
- मौसम शायरी हिंदी में – कोहराम मचा रखा है जनवरी
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इतनी दूरियाँ ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो, कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदतसी हो जाए…
मुझसे दूरियाँ बनाकर तो देखो… फिर पता चलेगा कितना नज़दीक हूँ मैं..
कौन कहता है कि दूरियाँ,मिलों में नापी जाती हैं; कभी खुद से मिलने में भी उम्र गुज़र जाती है.
कैसे बनाऊँ तेरी यादों से दूरियाँ …. दो कदम जाकर…….. सौ कदम लौट आती हूँ……
कभी कभी मिटते नही, चंद लम्हों के फांसले… एहसास अगर जिन्दा हो,मिट जाती है दूरियाँ ….
तू हमेशा दूरियाँ बढ़ाने का शौक पूरा कर पर हमारी भी जिद है दुआ में तुझको ही माँगेंगें
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…
मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता दिल उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता
बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया हमीं ख़ुद उठ गए होते इशारा कर दिया होता…