नज़र शायरी हिंदी में – आँखें बोलने को बेताब और Rjain May 1, 2017 Uncategorized Comments आँखें बोलने को बेताब, और होंठ मुस्कुराने को। ज़ुल्फें चेहरा छुपाये रहती है, बुरी नज़र से बचाने को।