पराया शायरी हिंदी में – यूँ ज़िन्दगी से मेरे मरासिम Rjain March 22, 2017 Uncategorized Comments यूँ ज़िन्दगी से मेरे मरासिम हैं आज कल, हाथों में जैसे थाम ले कोई पराया हाथ