मिर्ज़ा ग़ालिब:
हमें तो अपनों ने लूटा
गैरो में कहाँ दम था
अपनी कश्ती वहां डूबी
जहां पानी कम था
ग़ालिब की पत्नी:
तुम तो थे ही गधे
तुम्हारे भेजे में कहाँ दम था
वहां कश्ती लेकर गए ही क्यों
जहाँ पानी कम था!!
मिर्ज़ा ग़ालिब:
हमें तो अपनों ने लूटा
गैरो में कहाँ दम था
अपनी कश्ती वहां डूबी
जहां पानी कम था
ग़ालिब की पत्नी:
तुम तो थे ही गधे
तुम्हारे भेजे में कहाँ दम था
वहां कश्ती लेकर गए ही क्यों
जहाँ पानी कम था!!