फासला रख के भी क्या हासिल हुआ
आज भी उस का ही कहलाता हूँ मैं
- फासला शायरी हिंदी में – कुछ तो मजबूरियां रही होंगी
- फासला शायरी हिंदी में – चंद फासला जरूर रखिए हर
- फासला शायरी हिंदी में – किसे भूल जाएं किसे याद
- फासला शायरी हिंदी में – फासला भी ज़रूरी है
- फासला शायरी हिंदी में – कल के बारे में ज्यादा सोचना
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
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कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूं कोई बेवफा नही होता, टटोल कर देखो अपने दिल को हर फासला बेवजह नहीं होता….
चंद फासला जरूर रखिए हर रिश्ते के दरमियान… क्योंकि बदलने वाले अक्सर बेहद अजीज ही हुआ करते हैं…..!!
किसे भूल जाएं किसे याद रखें मुश्किल है फैसला, दिल और दिमाग के बीच तो बहुत कम है फासला।
फासला भी ज़रूरी है चिराग रोशन करते वक्त तजरुबा यह हाथ आया हाथ जल जाने के बाद.
कल के बारे में ज्यादा सोचना अच्छा नहीं… चाय के कप से.. लबों तक का फासला है ज़िंदगी….!!
हमसे आया न गया उनसे बुलाया न गया फासला प्यार में दोनों से मिटाया न गया..
फासला नज़रों का धोखा है पर्दा हटा कर तो देखो ; चमकते चाँद की चाँदनी में कभी गुनगुना कर तो देखो!
यूँ तो बहुत से हैं रास्तें, मुझ तक पहुंचने के, राह-ऐ-मोहब्बत से आना, फासला कम पड़ेगा…
छोड़ो ना ज़ख़्म और कुरेदो ना ज़िन्दगी एक फासला ही है, जिसने हमे बाँध रखा है ।।
न फासला है, न रास्ता है वो शख्स मुझी मे बसता है…