दुश्मन भी दुआ देते हैं मेरी फितरत ऐसी है l
दोस्त भी दगा देते हैं मेरी किस्मत ऐसी है ll
- फितरत शायरी हिंदी में – क्या मिलना ऐसे लोगो से
- फितरत शायरी हिंदी में – आग लगाना मेरी फितरत में
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
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आग लगाना मेरी फितरत में नही है मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या
क्या मिलना ऐसे लोगो से जिनकी फितरत छुपी रहे, नकली चेहरा सामने आये और असली सूरत छुपी रहे…
उनकी फितरत परिंदों सी थी, मेरा मिज़ाज दरख़्तों जैसा, उन्हें उड़ जाना था, और मुझे कायम ही रहना था !!
अदब से झुक जाना हमारी फितरत में शामिल था ऐ खुदा! हम क्या झुके.. लोग खुदा हो गए…
हर कोई रखता है ख़बर ग़ैरों के गुनाहों की अजब फितरत हैं कोई आइना नहीं रखता।
इश्क की चाकरी मिलती नही खैरात में, दिल में फकीरी और फितरत सूफियाना चाहिए…!!!
ऐसा नही कि, मेरे इन्तजार की…उन्हें खबर नही, लेकिन…. तड़पाने की आदत तो….उनकी फितरत में शुमार है…..!!
मेरी फितरत में नहीं हैं किसी से नाराज होना, नाराज वो होतें हैं जिन्हें अपनेआप पर गुरूर होता है।।
सिखा दिया ‘तुने’ मुझे… अपनों पर भी ‘शक’ करना… मेरी ‘फितरत’ में तो था… गैरों पर भी ‘भरोसा’ करना….
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से