उदास कयो होता है ऐ दिल उनकी बेरुखी पर……
वो तो बङे लोग है अपनी मर्जी से याद करते है…..!!!
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
- मौसम शायरी हिंदी में – कोहराम मचा रखा है जनवरी
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अक्सर ठहर कर देखता हूँ
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सोचते है सीख ले हम भी बेरुखी करना, प्यार निभाते-२ अपनी ही कदर खो दी हमने।
अब गिला क्या करना उनकी बेरुखी का… दिल ही तो था…..भर गया होगा..!
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा.., जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे…!!
सालभर….तेरी बेरूखी से कत्ल होते रहे हैं हम, अब तो तहरीरें बन गई है…उदासियाँ गुजरे साल की।
बहुत बेरुखी से पेश आता है दिल खुद से कि अब प्यार भरी बातों की आदत नहीं रही….!!
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ ..!!
इस बेरूखी पे आपकी यूं आ गई हंसी आंखें बता रही हैं ज़रा सी हया तो है !
इस क़दर जले है तुम्हारी बेरुख़ी से, के अब आग से भी सुकून सा मिलने लगा है ….!!!
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…