फेर कर मुंह आप मेरे सामने से क्या गये,
मेरे जितने क़हक़हे थे आंसुओं तक आ गये,
भला ऐसी भी सनम आख़िर बेरुख़ी है क्या ?
न देखोगे हमारी बेबसी क्या…….?
- तुम्हारी याद शायरी हिंदी में – एक शाम आती है तुम्हारी
- वफ़ा शायरी हिंदी में – परवाह करने वाले रूला जाते
- इबादत शायरी हिंदी में – तेरे पास में बैठना भी
- चैन शायरी हिंदी में – आँखों मे ख्वाब उतरने नही
- आरज़ू शायरी हिंदी में – आज ..खुद को तुझमे डुबोने
- तमन्ना शायरी हिंदी में – पलकों में कैद रहने दो
- वफ़ा शायरी हिंदी में – तेरे होते हुए भी तन्हाई
- जुदाई शायरी हिंदी में – कोई वादा नहीं फिर भी
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उदास कयो होता है ऐ दिल उनकी बेरुखी पर…… वो तो बङे लोग है अपनी मर्जी से याद करते है…..!!!
सोचते है सीख ले हम भी बेरुखी करना, प्यार निभाते-२ अपनी ही कदर खो दी हमने।
एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर एक शाम जाती है तुम्हारी याद देकर पर मुझे तो उस शाम का इंतेज़ार है जो आए तुम्हे साथ लेकर..!!
परवाह करने वाले रूला जाते है, अपना समझने वाले पराया बना जाते है, चाहे जितनी वफाऐं कर लो इनसे, न छोडेगे तुमको कहकर छोड जाते हैं….!
तेरे पास में बैठना भी इबादत तुझे दूर से देखना भी इबादत…. न माला, न मंतर, न पूजा, न सजदा तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत….
आँखों मे ख्वाब उतरने नही देता वो शख्स मुझे चैन से मरने नही देता बिछड़े तो अजब प्यार जताता है खतों मे मिल जाए तो फिर हद से गुजरने नही देता.
आज ..खुद को तुझमे डुबोने की आरज़ू है। क़यामत तक सिर्फ तेरा होने की आरज़ू है। किसने कहा गले से लगा ले मुझको, मग़र तेरी गोद में सर रखकर सोने की आरज़ू है।
पलकों में कैद रहने दो सपनो को, उन्हें तो हकीक़त में बदलना है, इन आँखों की तो एक ही तमन्ना है, की हर वक़्त आपको मुस्कुराते देखना है.
तेरे होते हुए भी तन्हाई मिली है, वफ़ा करके भी देखो बुराई मिली है, जितनी दुआ की तुम्हे पाने की, उस से ज़यादा तेरी जुदाई मिली है…
कोई वादा नहीं फिर भी प्यार है, जुदाई के बावजूद, भी तुझपे अधिकार है. तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही, मुझसे मिलने को तू भी बेक़रार है.