बेरूख़ी शायरी हिंदी में – सालभर….तेरी बेरूखी से कत्ल होते Rjain May 1, 2017 Uncategorized Comments सालभर….तेरी बेरूखी से कत्ल होते रहे हैं हम, अब तो तहरीरें बन गई है…उदासियाँ गुजरे साल की।