भूलना शायरी हिंदी में – जिन शामों में तुझे भूलना Rjain March 22, 2017 Uncategorized Comments जिन शामों में तुझे भूलना चाहें वही रातें अज़ाब होती हैं अपनी यादों के सिलसिले रोको मेरी नींदे खराब होती हैं