कुछ डरी सहमी ठिठकी और आगे बढ़ गई..
मजबूर थी क्या करती…गैरत मेरी,
जरूरतों को तलाशने बेशर्मी की हद से गुजर गई.
- मजबूर शायरी हिंदी में – दिल मजबूर हो रहा है
- मजबूर शायरी हिंदी में – क्यों प्यार में हर दिल
- मजबूर शायरी हिंदी में – इंसान जब दिल के हाथो
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
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दिल मजबूर हो रहा है तुम से बात करने को…… बस जिद ये है कि बात की शुरुआत तुम करो……
क्यों प्यार में हर दिल मजबूर होता है..!!! महबूब सबका क्यों आँखों से दूर होता है …!!!
इंसान जब दिल के हाथो मजबूर होता है, तो झूठे प्यार पर भी बडा गुरुर होता है.
दिल मजबूर हो रहा है तुम से बात करने को, बस जिद ये है कि सिलसिले का आग़ाज़ तुम करो..
कितने मज़बूर हैँ हम तकदीर के हाथो ना तुम्हेँ पाने की औकात रखतेँ हैँ और ना तुम्हेँ खोने का हौसला.!!
सब टूटकर बिखर जाना जिंदगी का दस्तूर हैं, ना मै कुछ कहू, ना तुम कहो दोनों का दिल मजबूर हैं…
मोहब्बत क्या है चलो दो लफ्ज़ो में बताते है ; तेरा मजबूर कर देना मेरा मजबूर हो जाना…
मेरी तमन्ना न थी, तेरे बगैर रहने की लेकिन, मजबूर को, मजबूर की, मजबूरीयां, मजबूर कर देती है.
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम, मेरी पहली और आखिरी आरज़ू बस तुम हो।
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से