जिंदगी एक आइना है, यहाँ पर हर कुछ छुपाना पड़ता है|
दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में मुस्कुराना पड़ता है |
- महफ़िल शायरी हिंदी में – यही सोच के रुक जाता
- महफ़िल शायरी हिंदी में – अगर देखनी है कयामत तो
- महफ़िल शायरी हिंदी में – तुम्हारा जिक्र हुआ तो महफ़िल
- महफ़िल शायरी हिंदी में – बुला कर तुम ने महफ़िल
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
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बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया हमीं ख़ुद उठ गए होते इशारा कर दिया होता…
यही सोच के रुक जाता हूँ मैं आते-आते, फरेब बहुत है यहाँ चाहने वालों की महफ़िल में।
अगर देखनी है कयामत तो चले आओ हमारी महफिल मे. . सुना है आज की महफिल मे वो बेनकाब आ रहे हैँ…!!!
तुम्हारा जिक्र हुआ तो महफ़िल छोड़ आये गैरों के लबों पे तुम्हारा नाम अच्छा नहीं लगता…..
जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे, तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे
मैंने आंसू को समझाया, भरी महफ़िल में ना आया करो, आंसू बोला, तुमको भरी महफ़िल में तन्हा पाते है, इसीलिए तो चुपके से चले आते है…
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…
मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता दिल उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता
हमारे सीने में भी खुशबू ने सिर रखा था हमारे हाथो में भी कभी फुलो की डाली थी