बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया
हमीं ख़ुद उठ गए होते इशारा कर दिया होता…
- खुश्बू शायरी हिंदी में – हमारे सीने में भी
- तुम्हारी याद शायरी हिंदी में – तुम्हारी याद और ‘सर्दियों’ का
- आरज़ू शायरी हिंदी में – ज़िन्दगी की आखरी आरजू बस
- डर शायरी हिंदी में – अजीब कहानी है इश्क और
- यकीन शायरी हिंदी में – परिन्दो को मिलेगी मन्जिल यकीनन
- इंतज़ार शायरी हिंदी में – काटे नहीं कटते लम्हे इंतज़ार
- करीब शायरी हिंदी में – इस से बढकर तुमको और
- मौसम शायरी हिंदी में – रुका हुआ है अज़ब धुप
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यही सोच के रुक जाता हूँ मैं आते-आते, फरेब बहुत है यहाँ चाहने वालों की महफ़िल में।
अगर देखनी है कयामत तो चले आओ हमारी महफिल मे. . सुना है आज की महफिल मे वो बेनकाब आ रहे हैँ…!!!
तुम्हारा जिक्र हुआ तो महफ़िल छोड़ आये गैरों के लबों पे तुम्हारा नाम अच्छा नहीं लगता…..
जिंदगी एक आइना है, यहाँ पर हर कुछ छुपाना पड़ता है| दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में मुस्कुराना पड़ता है |
जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे, तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे
मैंने आंसू को समझाया, भरी महफ़िल में ना आया करो, आंसू बोला, तुमको भरी महफ़िल में तन्हा पाते है, इसीलिए तो चुपके से चले आते है…
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम, मेरी पहली और आखिरी आरज़ू बस तुम हो।
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…
मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता दिल उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता