महफ़िल शायरी हिंदी में – यही सोच के रुक जाता Rjain September 13, 2017 Uncategorized Comments यही सोच के रुक जाता हूँ मैं आते-आते, फरेब बहुत है यहाँ चाहने वालों की महफ़िल में।