मुस्कुरा मत खुल के तू, ‘ मेहबूब ‘ मेरे, मान जा,
‘आइनों’ का शहर है, घर- घर खबर हो जायेगी ||
- महबूब शायरी हिंदी में – चलेगा मुक़दमा आसमान में सब
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
- मौसम शायरी हिंदी में – कोहराम मचा रखा है जनवरी
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चलेगा मुक़दमा आसमान में सब आशिक़ो पर एक दिन … जिसे देखो अपने मेहबूब को चाँद बताता है…!!
ऐ मौसम ज़रा रेहम कर दिलों पर,, जरुरी नही हर मेहबूब अपने प्यार के साथ हो,,
मेरे मेहबूब की सूरत खुदा से मिलती जुलती है। मोहब्बत भी हो जाती है- इबादत भी हो जाती है।
बारिश के बाद इन हवाओं का, यूँ मचल के चलना ….उफ्फ्फ अपने मेहबूब से मिलकर कोई, मेहबूबा इतराई हो जैसे ।।।
ऐ बारिश ज़रा दो पल को थम भी जा मेरे कागज़ी अरमानो की कश्ती मेहबूब तक पोहंच जाने दे
दर्द का क्या है, दर्द भी तो मेहबूब की तरह बेवफा ही है मिली कोई ख़ुशी ख़ूबसूरत सी, दर्द खुदसे बेवफाई कर लेता है..
गजब की चीज है मेरे मेहबूब की मुस्कुराहट भी कमबक्त कातिल भी है और गम की दवा भी !!
इश्क़वालों में बड़प्पन बहुत ज़रूरी है || छोटे दिल मे मेहबूब बसाये नहीँ जातें ||
कल मिरे मेहबूब क्या आ गए छत पर, जला चाँद तमाम रात चमक चमक कर।
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
Nice