दास्तान मेरे लाड़-प्यार की बस,
एक हस्ती के गिर्द घूमती है,
प्यार जन्नत से इसलिए है मुझे,
क्योंकि ये भी मेरी माँ के क़दम चूमती है।
दास्तान मेरे लाड़-प्यार की बस,
एक हस्ती के गिर्द घूमती है,
प्यार जन्नत से इसलिए है मुझे,
क्योंकि ये भी मेरी माँ के क़दम चूमती है।