बड़ी मुद्दत से चाहा है तुम्हें;
बड़ी दुआओं से पाया है तुम्हें;
तुम ने भुलाने का सोचा भी कैसे;
किस्मत की लकीरों से चुराया है तुम्हें।
बड़ी मुद्दत से चाहा है तुम्हें;
बड़ी दुआओं से पाया है तुम्हें;
तुम ने भुलाने का सोचा भी कैसे;
किस्मत की लकीरों से चुराया है तुम्हें।