वजूद की तलब ना कर…!
हक है तेरा रूह तक, सफर तो कर…!!
- वजूद शायरी हिंदी में – गजब है मेरे दिल मे
- वजूद शायरी हिंदी में – मेरी फितरत में नहीं अपना
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
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गजब है मेरे दिल मे तेरा वजूद…!!! मैं खुद से दूर और तु मुझमें मौजूद…!!!
मेरी फितरत में नहीं अपना गम बयां करना, अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो महसूस कर तकलीफ मेरी..
मुझको मेरे वजूद की हद तक न जानिए, बेहद हूँ, बेइंतेहा हूँ, बेहिसाब हूँ मैं ।
अपने वजूद को खो कर तुझे चाहा था तूने कदर नही की, कमी मुझमे ही होगी
मिरे महबूब इतराते फिरते थे जवानी पे अपनी । मिरे बिना अपना वजूद जो देखा तो रूह कांप गई ।।
रावण सा अहंकार न कर खुद के वजूद पर। एक दिन चला जाएगा यह दुनिया छोड़कर।।
तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है
अपने वजूद का अंदाजा इसी से लगा… तू सांस है मेरी वो भी ‘रूकी’ हुई..
मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती…., अपना वजूद भूलाना पडता है,किसी को अपना बनाने के लिए…।
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम, मेरी पहली और आखिरी आरज़ू बस तुम हो।