सारे सपने तोड़कर बैठे हैं,दिल का अरमान छोड़कर बैठे हैं..
ना कीजिये हमसे वफ़ा की बातें, अभी-अभी दिल के टुकड़े जोड़कर बैठे हैं…!
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
- मौसम शायरी हिंदी में – कोहराम मचा रखा है जनवरी
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अक्सर ठहर कर देखता हूँ
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मेरी दास्ताँ-ए-वफ़ा बस इतनी सी है, उसकी खातिर उसी को छोड़ दिया…
मेरे अलावा किसी और को अपना महबूब बना कर देख ले, तेरी हर धड़कन कहेगी उसकी वफ़ा मैं कुछ और बात थी…
तेरी वफाओं का समन्दर किसी और के लिए होगा, हम तो तेरे साहिल से रोज प्यासे ही गुजर जाते हैं !!
मेरी वफा कि गवाही सितारे देते रहेँ, बस मेरे चाँद को ही मुझ पे यकीन ना आया.
डरा -धमका के तुम हमसे वफ़ा करने को कहते हो कहीं तलवार से भी पाँव का काँटा निकलता है?
दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो, वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते हैं..
कभी न कभी वो मेरे बारे में सोंचेगी ज़रूर, के हासिल होने की उम्मीद भी नहीं फिर भी वफ़ा करता था…
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम, मेरी पहली और आखिरी आरज़ू बस तुम हो।
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…