शिद्दत शायरी हिंदी में – ख़ुदगर्ज़ बना देती है तलब Rjain January 2, 2018 Uncategorized Comments ख़ुदगर्ज़ बना देती है तलब की शिद्दत भी, प्यासे को कोई दूसरा प्यासा नहीं लगता…