आज फिर बैठे है इक हिचकी के इंतजार में…….
पता तो चले कब हमें याद करते है…..!!
- इम्तेहान शायरी हिंदी में – अये वक़्त मेरे सब्र का
- जवाब शायरी हिंदी में – जुबां तो खोल नज़र तो
- इंकार शायरी हिंदी में – कभी खुलता ही नहीं
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे
- सपने शायरी हिंदी में – अपनों ने इतनी उलझनों में
- उल्फत शायरी हिंदी में – राज़-ए-उल्फत सीने में हम लिए
- मौसम शायरी हिंदी में – कोहराम मचा रखा है जनवरी
- तेरे बिना शायरी हिंदी में – अक्सर ठहर कर देखता हूँ
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मेरी जिंदगी में तेरी दखलंदाजी की आदत गई नही.. साँसों में भी रुकावट डालती हो.. हिचकियां बनकर ..!!
तू जो चाहे तो मैं ज़िन्दगी हिचकियों में गुज़ार दूँ….! बस मुझे याद करने का…… तू वादा कर दे ….
क्या खूब मेरे क़त्ल का तरीका तूने इजाद किया.. मर जाऊं हिचकियों से, इस कदर तूने याद किया…..!!
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद कट रही है ज़िंदगी आराम से
तुम्हारा ज़िक्र, तुम्हारी तमन्ना, तुम्हारी याद, वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…
मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता दिल उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता
बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया हमीं ख़ुद उठ गए होते इशारा कर दिया होता…
हमारे सीने में भी खुशबू ने सिर रखा था हमारे हाथो में भी कभी फुलो की डाली थी
तुम्हारी याद और ‘सर्दियों’ का ये मौसम, ठिठुरते होंगे लोग..मैं तो सुलगता रहता हूँ।
ज़िन्दगी की आखरी आरजू बस यही हैं। तू सलामत रहें दुआँ बस यही हैं।