2 Pankti Shayari – लबो रुखसार को तरसती है Rjain May 21, 2018 Uncategorized Comments लबो रुखसार को तरसती है जिस्म के प्यार को तरसती आप दिल के करीब हैं लेकिन आंख दीदार को तरसती मैं॥