Ahmad Faraz Hindi Poetry – दुनीया का भी अज़ीब दस्तूर है Rjain May 24, 2018 Uncategorized Comments दुनीया का भी अज़ीब दस्तूर है “फराज़”, बेवफाई करो तो रोते हैं, वफा करो तो रुलाते हैं