Ahmad Faraz Ki Shayari – मेरे दोस्त की पहचान यही काफी है Rjain May 24, 2018 Uncategorized Comments मेरे दोस्त की पहचान यही काफी है वो हर शख्स को दानिस्ता* खफा करता है * दानिस्ता = जान बूझकर