फ़ासला नज़रों का धोखा भी तो हो सकता है
वो मिले या न मिले हाथ बढा़ कर देखो….
Category: धोखा शायरी
धोखा शायरी हिंदी में – मुकद्दर मे रात की नींद
मुकद्दर मे रात की नींद मुनासिब नहीं तो क्या हुआ,,
हम भी मुकद्दर को धोखा दे कर दिन मे सो जाते है.
धोखा शायरी हिंदी में – हराकर कोई जान भी ले
हराकर कोई जान भी ले ले,
मुझे मंजुर है,.. पर…….
धोखा देने वालों को मै दुबारा मौका नही देता!
धोखा शायरी हिंदी में – कौन है इस जहाँ मे
कौन है इस जहाँ मे जिसे धोखा नहीं मिला,
शायद वही है ईमानदार जिसे मौक़ा नहीं मिला…
धोखा शायरी हिंदी में – दर्द इतना था ज़िंदगी में
दर्द इतना था ज़िंदगी में कि धड़कन साथ देने से घबरा गयी!….
आंखें बंद थी किसी कि याद में ओर मौत धोखा खा गयी!….
धोखा शायरी हिंदी में – इस कदर भूखा हूँ साहब कभी
इस कदर भूखा हूँ साहब,
कभी कभी धोखा भी खा लेता हूँ!
धोखा शायरी हिंदी में – कुछ लुटकर कुछ लूटाकर लौट
कुछ लुटकर, कुछ लूटाकर लौट आया हूँ,
वफ़ा की उम्मीद में धोखा खाकर लौट आया हूँ |
अब तुम याद भी आओगी, फिर भी न पाओगी,
हसते लबों से ऐसे सारे ग़म छुपाकर लौट आया हूँ |