खामोशी की कलियों से काम लेती हूँ
मन ही मन तुम्हारा नाम लेती हूँ
पत्थर का तकिया घास का बिछौना
तुम्हें कसम मेरी याद में न रोना॥
खामोशी की कलियों से काम लेती हूँ
मन ही मन तुम्हारा नाम लेती हूँ
पत्थर का तकिया घास का बिछौना
तुम्हें कसम मेरी याद में न रोना॥