Hindi 2 Pankti Shayari – ज़िन्दगी खूगरे अलम होकर Rjain May 21, 2018 Uncategorized Comments ज़िन्दगी खूगरे अलम होकर परहते गम से मुस्कराती है जिस तरह बांसुरी के सीने में छेद है फिर भी गीत गाती है॥