Ahmad Faraz Hindi 2 Lines Shayari – तपती रही है

तपती रही है आस की किरणों पे ज़िन्दगी
लम्हे जुदाइयों के मा – ओ साल हो गए

प्यार में एक ही मौसम है बहारों का “फ़राज़”
लोग कैसे मौसमों की तरह बदल जाते है



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