Ahmad Faraz Hindi Shero Shayari – ये ज़लज़ले यूँ ही बेसबब नहीं आते

ये ज़लज़ले यूँ ही बेसबब नहीं आते
ज़रूर ज़मीन के नीचे कोई दीवाना तड़पता होगा



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