बदल लेंगे हम खुद को इतना, की तुम भी न पहचान पाओगे हमें।।
अगर कभी सोचोगे हमारे बारे में, हमें पूरी तरह अजनबी पाओगे।
Category: अजनबी शायरी
अजनबी शायरी हिंदी में – हम कुछ ना कह सके
हम कुछ ना कह सके उनसे, इतने जज्बातों के बाद,
हम अजनबी के अजनबी ही रहे, इतनी मुलाकातो के बाद!
अजनबी शायरी हिंदी में – अजनबी था तो मेरे जवाबों
अजनबी था तो मेरे जवाबों पर तुम्हे यकीन था
कम्बख्त जान का सबब बन गयी है ये जान पहचान
अजनबी शायरी हिंदी में – कल तक तो सिर्फ़
कल तक तो सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम…
आज
दिल की हर एक धड़कन पर हुकूमत है तुम्हारी…
अजनबी शायरी हिंदी में – अजनबी कोई समझ लेता है
अजनबी कोई समझ लेता है, कोई अन्जान समझ लेता है,
दिल है दीवाना, हर तबस्सुम को जान पहचान समझ लेता है
अजनबी शायरी हिंदी में – न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ
न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए,
की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता है …..
अजनबी शायरी हिंदी में – मेरे अज़ीज़ ही मुझ को
मेरे अज़ीज़ ही मुझ को समझ न पाए हैं,
हम अपना हाल किसी अजनबी से क्या कहते….
अजनबी शायरी हिंदी में – उसकी हर एक शिकायत देती
उसकी हर एक शिकायत देती है मुहब्बत की गवाही…..
अजनबी से वर्ना कौन हर बात पर तकरार करता है…..