इक परिंदा अभी उड़ान में है
तीर हर शख़्स की कमान में है
जिस को देखो वही है चुप चुप सा
जैसे हर शख़्स इम्तिहान में है
– अमीर क़ज़लबाश
हिंदी शायरी – Romantic And Sad Hindi Poetry
रोमांटिक और दर्द भरी हिंदी शेर ओ शायरी संग्रह – २ लाइन शायरी, 4 लाइन शायरी और ग़ज़ल
इक परिंदा अभी उड़ान में है
तीर हर शख़्स की कमान में है
जिस को देखो वही है चुप चुप सा
जैसे हर शख़्स इम्तिहान में है
– अमीर क़ज़लबाश
अये वक़्त मेरे सब्र का इतना इम्तेहान न ले
याद रख
मैंने जो ठोकर मारी तुझे
तो तू कभी लौट के न आ पायेगा
सितारों से आगे जहां और भी हैं.
अभी इश्क के इम्तेहान और भी हैं.
यूँ ही नहीं मिलती रब की मेहरबानी
एक से बढ़कर एक इम्तेहान बाकी है …
जिंदगी की जंग में है हौसला जरुरी
जीतने के लिए सारा जहान बाकी है ॥
उसे ग़ुरूर आ गया मुझे गुमान आ गया
दर्मियान ख़ामख़्वाह इम्तेहान आ गया
इश्क़ की आजमाइश पर हर कोई खरा नही उतरता जनाब,
रूह तक काँप जाती है इम्तेहान पार करते करते.
ना चाहते हुये भी छोड़ कर आना पड़ा उसे,
वो “इम्तेहान” में ना आते हुये सवालों की तरह था.