मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूँ,
मुझे गैर कहने वाले – तेरी बात में दम है…!!!
Category: गैर शायरी
गैर शायरी हिंदी में – मेरा होकर भी गैर की
मेरा होकर भी गैर की जागीर लगता है,
दिल भी साला मसला-ऐ-कश्मीर लगता है !
गैर शायरी हिंदी में – दर्द का सबब बढ़ जाता
दर्द का सबब बढ़ जाता है और भी,
जब तेरे होते हुए भी गैर हमें तसल्ली देते है….!!!
गैर शायरी हिंदी में – तेरी हालत से लगता है
तेरी हालत से लगता है तेरा अपना था कोई
इतनी सादगी से बर्बाद कोई गैर नहीं करता
गैर शायरी हिंदी में – यूँ गैर मत बनाओ मुझको
यूँ गैर मत बनाओ मुझको
उस गैर के लिये
गैर शायरी हिंदी में – जिक्र तेरा हुआ तो हम
जिक्र तेरा हुआ तो हम महफ़िल छोड़ आये,,,
हमें गैरों के लबों पे तेरा नाम
अच्छा नहीं लगता….
गैर शायरी हिंदी में – पहुँच गए हैं कई राज
पहुँच गए हैं, कई राज मेरे गैरों के पास,
कर लिया था मशवरा,
इक रोज़ अपनों के साथ…!!
गैर शायरी हिंदी में – कभी तुम मुझे अपना तो
कभी तुम मुझे अपना तो कभी गैर करते गये,
देख मेरी नादानी हम सिर्फ तुम्हे अपना कहते गये…!!
गैर शायरी हिंदी में – बेगाने जो शुरू से हैं
बेगाने जो शुरू से हैं उनका जिक्र क्या,
अपने भी गैर हो गये, इसका मलाल है !!