तुम्हारे मुंतज़िर रहते हैं सावन के हसीं झूले
किया करती है याद अक्सर तुम्हें बरसात सावन की – राजेन्द्र नाथ रहबर
Category: तुम्हारी याद शायरी
तुम्हारी याद शायरी हिंदी में – तुम्हारा ज़िक्र तुम्हारी तमन्ना तुम्हारी याद
तुम्हारा ज़िक्र,
तुम्हारी तमन्ना,
तुम्हारी याद,
वक़्त कितना क़ीमती है इन दिनों…
तुम्हारी याद शायरी हिंदी में – तुम्हारी याद और ‘सर्दियों’ का
तुम्हारी याद और ‘सर्दियों’ का ये मौसम,
ठिठुरते होंगे लोग..मैं तो सुलगता रहता हूँ।
तुम्हारी याद शायरी हिंदी में – बडी गुस्ताख है तुम्हारी याद
बडी गुस्ताख है तुम्हारी याद,
इसे तमीज़ तो सीखा दो,
दस्तक भी नहीं देती,
और दिल मे उतर जाती है
तुम्हारी याद शायरी हिंदी में – टूट जायगी तुम्हारी जिद की
टूट जायगी तुम्हारी जिद की आदत उस दिन
जब पता चले गा कि याद करने वाला अब
याद बन गया
तुम्हारी याद शायरी हिंदी में – तुम्हारी याद ऐसे महफूज़ है
तुम्हारी याद ऐसे महफूज़ है मेरे दिल मे,
जैसे किसी गरीब ने रकम रक्खी हो तिजोरी में.!!
तुम्हारी याद शायरी हिंदी में – याद आने की वजह बहुत
याद आने की वजह बहुत अजीब है तुम्हारी,
तुम वो गैर थे जिसे मैने एक पल में अपना माना.
तुम्हारी याद शायरी हिंदी में – तुम्हारी याद भी ‘मोहसिन’ किसी
तुम्हारी याद भी ‘मोहसिन’ किसी मुफ़लिस की पूंजी है
जिसे हम साथ रखते है जिसे हम रोज गिनते है
तुम्हारी याद शायरी हिंदी में – मुद्दतें हो गईं बिछड़े हुए
मुद्दतें हो गईं बिछड़े हुए तुम से लेकिन
आज तक दिल से मिरे याद तुम्हारी न गई