दिल्लगी कर जिंदगी से, दिल लगा के चल….
जिंदगी है थोड़ी, हमेशा मुस्कुराते चल..!!
Category: दिल्लगी शायरी
दिल्लगी शायरी हिंदी में – तुझे महोब्बत कहा थी बस
तुझे महोब्बत कहा थी बस दिल्लगी थी ।।
वरना मेरे पल भर का बिछड़ना भी तेरे लिए क़यामत होता ।
दिल्लगी शायरी हिंदी में – तीर पे तीर खाए जा
तीर पे तीर खाए जा और यार से लौ लगाये जा
आह न कर, लबों को सी..इश्क़ है दिल्लगी नहीं ..!
दिल्लगी शायरी हिंदी में – कोई दिल की ख़ुशी के
कोई दिल की ख़ुशी के लिए, तो कोई दिल्लगी के लिए.
हर कोई प्यार ढूंढ़ता है यहाँ, अपनी तनहा सी ज़िन्दगी के लिए…!
दिल्लगी शायरी हिंदी में – बेहतर तो है यही की
बेहतर तो है यही की न दुनिया से दिल लगे..
पर क्या करें जो काम न बे-दिल्लगी चले
दिल्लगी शायरी हिंदी में – ये मज़ा था दिल्लगी का
ये मज़ा था दिल्लगी का कि बराबर आग लगती..
न तुम्हें क़रार होता न हमें क़रार होता..
दिल्लगी शायरी हिंदी में – तुझे हक दिया है मैंने
तुझे हक दिया है मैंने, मेरे साथ दिल्लगी का..
मेरे दिल से खेल जब तक तेरा दिल बहल ना जाए…!
दिल्लगी शायरी हिंदी में – हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो
हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन,
अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को….!!