फ़लक़ पर जिस दिन चाँद ना हो आसमाँ पराया लगता है…
एक दिन जो घर में ‘माँ’ न हो तो घर पराया लगता है
Category: पराया शायरी
पराया शायरी हिंदी में – इस गुलिस्ताँ की यही रीत
इस गुलिस्ताँ की यही रीत है ऐ शाख़-ए-गुल
तू ने जिस फूल को पाला वो पराया होगा
पराया शायरी हिंदी में – दिल जो टूटा तो कई
दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूं l
पराया शायरी हिंदी में – चाँदनी का बदन खुशबुओं का
चाँदनी का बदन खुशबुओं का साया है
बहुत अजीज हमें है, मगर पराया है
पराया शायरी हिंदी में – काँटों से दामन उलझाना मेरी
काँटों से दामन उलझाना मेरी आदत है
दिल मे पराया दर्द बसाना मेरी आदत है
पराया शायरी हिंदी में – यूँ ज़िन्दगी से मेरे मरासिम
यूँ ज़िन्दगी से मेरे मरासिम हैं आज कल,
हाथों में जैसे थाम ले कोई पराया हाथ
पराया शायरी हिंदी में – बडी साजिश हुई है मेरे
बडी साजिश हुई है मेरे साथ,
कुछ अपनो ने ठग के पराया कर दिया है!