मुद्दत हुई है बिछड़े हुए अपने-आप से
देखा जो आज तुम को तो हम याद आ गए
Category: मुद्दत शायरी
मुद्दत शायरी हिंदी में – खटखटाए न कोई दरवाजा बाद
खटखटाए न कोई दरवाजा, बाद मुद्दत मैं खुद में आया हूँ…
एक ही शख़्स मेरा अपना है, मैं उसी शख़्स से पराया हूँ.
मुद्दत शायरी हिंदी में – मुद्दत के बाद उस ने
मुद्दत के बाद उस ने जो की लुत्फ़ की निगाह
जी ख़ुश तो हो गया मगर आँसू निकल पड़े
मुद्दत शायरी हिंदी में – मुद्दत हुई कि ज़िंदा हूँ
मुद्दत हुई कि ज़िंदा हूँ देखे बग़ैर उसे
वो शख़्स मेरे दिल से उतर तो नहीं गया
मुद्दत शायरी हिंदी में – एक मुद्दत से तेरी याद
एक मुद्दत से तेरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हो तुम्हे ऐसा भी नही ।।
मुद्दत शायरी हिंदी में – मुद्दत के बाद उसने जो
मुद्दत के बाद उसने जो आवाज़ दी मुझे
कदमों की क्या बिसात थी साँसे ठहर गयीं।
मुद्दत शायरी हिंदी में – बेरुख़ी इससे बड़ी और भला
बेरुख़ी इससे बड़ी और भला क्या होगी
एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं